अपने आप को असफल होने की अनुमति ज़रूर दें। यदि आप कभी असफल नहीं होते हैं, तो आप कभी नहीं सीखते हैं। यदि आप कभी नहीं सीखते हैं, तो आप कभी आगे नहीं बढ़ेंगे।
पाठ "जब जागो तब सवेरा" में मैंने यही पढ़ा कि यदि हमने समय का सदुपयोग ठीक ढंग से नहीं करते हुए किसी कार्य को किया और उसका वांछित परिणाम न आने से दुःखी हैं, तो हम अब भी उसे सही करने की शुरुआत कर सकते हैं। और उसका अंत हम उस तरीके से कर सकते हैं, जैसे हम चाहते थे। यह पाठ पढ़कर हम अपने जीवन में नया बदलाव ला सकते हैं। जैसे कि मैं साक्षी पाल स्कूल में अध्यापिका हूं। मेरे सामने बहुत से बच्चों को पढ़ाते समय काफी कठिनाइयां आती हैं। कई बार "मैं" बच्चों से पिछले पाठ के बारे में पूछ लेती हूं, लेकिन कुछ बच्चे सही जवाब नहीं दे पाते हैं। यह सब देखकर मुझे लगता है कि मैंने तो सब अच्छे से समझाया था, पढ़ाया था। फिर कहां कमी रह गई, जो बच्चा जवाब नहीं दे पा रहा है। लेकिन मैं बच्चे को कुछ अलग तरीके से समझाने की कोशिश करती हूं, जिससे बच्चों को आसानी से समझ में आने लगे। पाठ "जब जागो तब सवेरा" के माध्यम से मैं बच्चों को और अच्छे तरीके से समझाने की शुरुआत करूंगी।
यदि आप उड़ नहीं सकते तो दौड़ो, यदि दौड़ नहीं सकते तो चलो, यदि चल भी नहीं सकते तो रेंगते हुए चलो, लेकिन हमेशा आगे बढ़ते रहो।
साक्षी पाल
पाठ "जब जागो तब सबेरा" से मैंने यह सीखा कि जीवन में कभी देर नहीं होती। बहुत सारी चीजें जिंदगी में ऐसी होती हैं जैसे कि अब वक्त नहीं रहा, वक्त बीत गया। काश हम ये पहले कर पाते, काश ये सुविधाएं हमारे पास भी होतीं, क्योंकि जो वक्त बीत जाता है, वह वापस नहीं आता। लेकिन अगर हम चाहें, तो बहुत कुछ कर सकते हैं। जैसे मुझे इस पाठ में अल्फ्रेड नोबेल के बारे में पढ़कर ये सीखने को मिला कि अगर किसी भी प्रकार से कुछ गलत हो जाता है, तो हमें पश्चाताप करने के बजाय अपने आप को और मजबूत बनाकर आगे बढ़ना है, वो भी कुछ सीख के साथ। जैसे अल्फ्रेड नोबेल थे, जिन्होंने विस्फोट हो जाने के बाद भी हार नहीं मानी और कुछ नया प्रयोग करने से नाइट्रोग्लिसरीन और डायटोमेसियम के मिश्रण से डायनामाइट का आविष्कार कर दिखाया। उनकी ये कहानी पढ़कर मुझे बहुत हिम्मत मिली और ऐसा लगा कि कभी देर नहीं होती। जो समय चला गया, उसमें क्या हुआ, उसे छोड़ दो; आगे क्या करना है, ये सोचो। क्योंकि मनुष्य के अंदर बहुत हिम्मत और साहस भरा होता है, बस उसे जगाने की जरूरत है। अगर हम मेहनत करेंगे और कुछ नया करने की कोशिश करेंगे, तो सबेरा जीवन में अपने आप आ जाएगा। इसलिए कहते हैं, " Good Morning! when you wake up."
Lalita Pal
No comments:
Post a Comment