Joy Of Learning Cohort 2022
विषय - भय से भरा हुआ विद्यार्थी & एक अधीर विद्यार्थी
प्रस्तावना – विद्यार्थी जीवन अनेक प्रकार के रंगों से भरा है। इसमें हर कदम पर उत्साह है, उमंग है, खुशियां है। कुछ नया सीखते जाने की ललक है। परंतु इस सफर में कुछ ऐसे भी मोड़ आते हैं जब भय और अधीरता विद्यार्थी के भीतर दिखने लगती है।
( क) भय से भरे विद्यार्थी – भय मानव जीवन का एक आवश्यक अंग है। नौ रसों में एक यह भी है। मेरी कक्षा में अक्सर ऐसी स्थिति आ जाती है, जब एक बच्चा डरा हुआ लगता है। कारण विषय का सही ज्ञान न होना। इनके डर को दूर करने के लिए सबसे पहले वार्तालाप का स्तर बढ़ाया गया। अलग से समझाया गया। और कक्षा में विशेष ध्यान दिया गया। प्रश्न पूछने का तरीका सरल बनाया गया। जिससे उसका भय दूर हो गया। इस बीच इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि बाकि विद्यार्थी अपने आप को उपेक्षित महसूस न करें। धीरे – धीरे परिस्थितियों में सुधार आ गया और अब सभी उसकी प्रशंसा करते हैं।
(ख) एक अधीर विद्यार्थी – कक्षा की एक बालिका अत्यन्त अधीर है। जिस कारण वह अनेक बार उपहास का पात्र बन जाती है। मैंने उसे समझाया कि इस प्रकार का व्यवहार सही नहीं है। आपके अंदर योग्यता है परंतु जल्दीबाजी करने से वह दिख नहीं पाती। इसलिए किसी भी काम को ठंडे दिमाग से सोच विचारकर करो। धैर्य न होने से आपका व्यक्तित्व खराब हो रहा है। आप उत्तेजित न हुआ करें हम आपके साथ हैं। इस प्रकार के परामर्श से विद्यार्थी के व्यक्तित्व मे सुधार देखा गया।
उपसंहार – इस प्रकार एक अध्यापिका के रूप में विद्यार्थियों के साथ परामर्श बहुत आवश्यक है। भय और अधीरता स्वाभाविक लक्षण हैं। जिनका निदान प्रेम और विश्वास है।
धन्यवाद
प्रेषक – ज्योति तड़ियाल लक्ष्मीकांत भट्ट
विद्यालय – द दून गर्ल्स स्कूल।
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