संकल्पशील होना आज के दौर में बहुत जरूरी है क्योंकि संकल्पशील होकर ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। विजेता कभी हार नहीं मानते और हार मानने वाले कभी नहीं जीतते। चाहे आप इसे दृढ़ संकल्प कहें, धैर्य कहें या मेहनत, चलते रहने की इच्छा सफलता का एक महत्वपूर्ण घटक है। वास्तव में संकल्पशील होना स्मार्ट होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बुद्धि और प्रतिभा स्वाभाविक रूप से निष्क्रिय गुण है, लेकिन दृढ़ संकल्प सक्रिय है। इसका मतलब है कि जन्मजात प्रतिभाएँ अवसर पैदा कर सकती हैं, लेकिन उन अवसरों को साकार करने के लिए वास्तविक कार्य करना होगा। कड़ी मेहनत इतनी महत्वपूर्ण है कि, भले ही आपके पास औसत स्तर की प्रतिभा हो, फिर भी आपके पास जो कुछ भी है उसे सफलता में बदलने के लिए दृढ़ संकल्प का होना अति आवश्यक है।
दृढ़
संकल्प एक लक्ष्य पर केंद्रित रहने के बारे में है। और जब तक आपके पास एक लक्ष्य है,
आप उस लक्ष्य के लिए रास्ता बना सकते हैं, जो आप चाहते हैं।
इसके
के लिए आपको छोटे-छोटे लक्ष्यों को लेकर संकल्प लेना चाहिए क्योंकि बड़े से बड़े लक्ष्य
को प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। उदाहरण के तौर पर बूँद-बूँद करके ही घड़ा
भरता है, एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के लिए भी एक बच्चे को कई छोटी-छोटी परीक्षाएँ देनी
पड़ती हैं। संकल्पशील होने के लिए मन की शक्ति का होना बहुत जरूरी है। मन एक चलायमान
है क्योंकि पूरी दुनिया में मन से तेज कोई भी चीज नहीं दौड़ती है। इसलिए मन को एक जगह
पर एकाग्र करना चाहिए और अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
अतः
अपना ध्यान भविष्य पर केंद्रित करें, अतीत को आपका मार्गदर्शन करने दें।
कल की गलतियाँ आपके लिए सबक
होनी चाहिए, निराशा की वजह नहीं। अपने आप पर यकीन रखें क्योंकि आप ही हैं जो अपने जीवन
को नियंत्रित कर सकते हैं। सबसे कठिन क्षणों में भी, आपको ही तय करना है कि आपको आगे
क्या करना है। अपने लक्ष्यों तक पहुँचने की अपनी
क्षमता पर विश्वास करें। लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। यदि आप संकल्पशील और सकारात्मक
रहते हैं, तो आप भी अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं।
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