कोविद -१९ महामारी के कारण, देश भर की राज्य सरकारों ने स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अस्थायी
रूप से बंद कर दिया। मौजूदा स्थिति के आधार पर, यह नही कहा जा सकता है कि यें अब कब खुलेंगी। जब स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोला जाएगा तब निस्संदेह, यह शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण समय होगा, क्योंकि इस अवधि के दौरान कई स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाएं और प्रतियोगी परीक्षाएँ आयोजित की जायेंगी।
तकनीकी रूप से अब पूरा भारत दो भागों में विभाजित हो चुका है, जँहा एक ओर तकनीक-गरीबों से वंचित और तकनीक के जानकारों को अलग कर रहा है, वंही दूसरी ओर लाखों बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं की चुनौतियों का सामना करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कोविद -१९ महामारी, जिसने लोगों को अपने घरों में और स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को आभासी कक्षाएं लेने के लिए मजबूर कर दिया है, जिसके लिए छात्र के पास एक कंप्यूटर या कम से कम एक स्मार्टफोन, एक उचित इंटरनेट कनेक्शन और बिजली की आपूर्ति का होना अति आवश्यक है।शिक्षा का क्षेत्र, जो कभी वास्तविक स्तर पर नहीं पहुंचा था, अब छात्रों, और उनके शिक्षकों के रूप में गांवों, शहरों और कस्बों में समय की माँगों का सामना करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
उदाहरण के लिए, गाँवो में जंहा सिगनल पूर्ण रूप से न होने का सामना करना पड़ता है। वंही इस मौसम में बिजली की आपूर्ति का सामना भी करना पड़ रहा है। कई लोंगो के पास एक फोन है, लेकिन आमतौर पर बिजली नहीं है, इसलिए प्रत्येक दिन ऑनलाइन व्याख्यान लेना मुश्किल है।
कुछ लोग जिनके दो बच्चे जो एक ही स्कूल में पढ़ते ही है, उनमे से एक बच्चा ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नही ले पाता है, क्योंकि वे दोनों एक मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। अंत में मैं यही कहना चाहता हूँ, कि कोविद -१९ का यह दौर जल्दी से जल्दी समाप्त हो जिससे कि जो भी लोग किसी कारणवश शिक्षा से दूर हो गएँ हैं,वो दुबारे से इसका लाभ ले सकें।
Suresh Negi
The Fabindia School
sni@fabindiaschools.in
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