किसी समस्या का समाधान (हल) प्राप्त करने के लिये हमें विभिन्न पहलुओं का क्रमबद्ध तरीके से विश्लेषण करना
पड़ता है। रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत से कारक ऐसे आते है, जिनको समझ लेने की बाद ही निष्कर्ष निकलता है कि इससे कैसे निपटे और उसका सामना कैसे करे ?
व्यक्ति मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत होगा तभी ऐसी परिस्थितियों से निकल सकता है।इसके लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव करने की ज़रुरत है। एक बालक अपनी समस्याओं के निवारण हेतु कोशिश तो करेगा लेकिन सही क्रम अपनाने में गलती कर लेता है। उसके समाधान के लिए वयस्कों की मदद की आवश्कता होती है।
सबसे पहले व्यक्ति को मानसिक तौर पर मजबूती चाहिए । उसके लिए एकाग्रता, सकारात्मकता होना आवश्यक है। यह तभी होगा जब हम नियमित योगाभ्यास करेंगे। अच्छे और प्रेरणास्पद साहित्य पढ़ेंगे और शिष्ट व्यक्तियों के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगे। विपरीत परिस्थितियों से लड़ने का हौसला होगा। प्रत्येक समस्या अपने साथ समाधान रखती है बस जरूरत है तो धैर्यवान बनने की, नए तरीकों को खोजने की। हम धरती से सभी समस्याओं को मिटा नहीं सकते लेकिन उसके लिए रास्ता तो खोज सकते है। यह धैर्य और सकारात्मता से ही होगा।
किसी विषय से संबंधित समस्याओें के लिए निरन्तर अभ्यास करना चाहिए। जिससे हमारा भविष्य बेहतर बन सके। क्योंकि हम जो हमेशा कार्य करते है वो सफलता पाने के लिए नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हम कहीं असफल न हो।
उर्मिला राठौड़
The Fabindia School
ure@fabindiaschools.in
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