एकता का तात्पर्य: एकता का
अर्थ है संगठित या एकजुट होकर रहना। सभी के प्रति समान भाव रखना।
यह महत्वपूर्ण नहीं कि कौन क्या है? बल्कि यह जरूरी है कि हम एक है या अलग थलग? सुनिश्चित करना होगा कि हम हरसंभव मदद करें, गलतफहमियों को मिटाए, आपसी वैमनस्यता को ख़तम करें आदि। यह भी संभव है कि किसी विषय पर हमारे मध्य मतभेद न हो,
हो सकता है कि हम एक दूसरे के विचारों से सहमत न हो परन्तु हम किसी
का अहित नहीं कर सकते और सबके विचार स्वीकार भी करने पड़ते है। एकजुटता से हम असंभव कार्य को संभव कर सकते है। 'एकजुटता वह धागा है जिसमें समस्त मानवीय गुणों
जैसे खुशबूदार फूलों को पिरो कर रखा जाता है।'
हमने
बचपन में पढ़ा था कि किस तरह एक किसान अपने बेटों
को लकड़ियों के गट्ठर से एकता की सीख देता है वैसे ही हम अपने परिवार और सदस्यों के मध्य समन्वय बनाए रखने के लिए बचपन से ही सीख देनी पड़ेगी जैसे- दूसरों के दुख का अनुभव करना, दया, सहानुभूति, और
एक दूसरे की सहायता करने के गुण सिखाने
होंगे।
देखभाल क्या है: देखभाल का अर्थ है दूसरों के प्रति
ज़िम्मेदारी और प्यार से रहना। घर
परिवार में अपने से बड़ों का सम्मान करना, उनको अपनेपन का अहसास देना,
मुश्किल परिस्थितियों में एक दूसरे के
साथ खड़े रहना। मित्रों के प्रति ईमानदारी एवं सहयोग की भावना रखना। अपने कार्यस्थल पर कर्तव्य, निष्ठा एवं ज़िम्मेदारी का निर्वहन करना। समाज के प्रति अपनत्व और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना। देश एवं राष्ट्र के प्रति राष्ट्रहित
एवं नीति नियमों का पालन करते हुए, अनेकता में एकता की राष्ट्रीय धरोहर का सम्मान करना शामिल है।
एकता एवं देखभाल एक सुदृढ परिवार एवं राष्ट्र की
नींव: हम जानते है कि एक महान परिवार,
समाज और राष्ट्र की नींव वहीं मजबूत हो सकती है, जहाँ हम अपने कर्तव्यों को अधिकारों से सर्वोपरि रखते है। प्रत्येक व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करते। जो समाज,
परिवार या राष्ट्र एकजुट है वहाँ खुशहाली
होती है। दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है।
कक्षा कक्ष में एकता एवं देखभाल की
महत्वता : छात्रों
को एकता के महत्त्व को समझाने के लिए प्रतिस्पर्धा से दूर रखना चाहिए। उनको शुद्ध
एवं शांत वातावरण में रखकर उनसे जुड़ी प्रत्येक वस्तु की देखभाल करवाने के लिए प्रोत्साहित करना
होगा। देखा जाए तो सबसे ज्यादा एकता
की ज़रूरत कक्षा कक्ष में होती है क्योंकि वहाँ अनेकताओं का मिलन होता है। विविध समाज,
समुदाय, परिवार, भाषा, व्यंजन और संस्कृति
का मिलन होता है। उन्हें एक दूसरे
का सम्मान करना और विविधताओं को अपनाने की सीख देनी होगी। तभी
बालक एकता का महत्व समझेंगे। हम
सब एक रह कर प्रकृति और मानवता को जीवित
रख सकते है। जहाँ एकता है वहाँ कुछ भी बुरा नहीं हो सकता और अगर ऐसा होता भी है तो सब मिलजुल कर उस कठिन परिस्थिति से उबर सकते है।
Urmila
Rathore
The
Fabindia School, Bali
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