एकता सफलता का आधार है। जब हम एकजुट रहेंगे तो मजबूत बने रहेंगे और किसी भी समस्या का सामना करने में सक्षम हो सकेंगे। यह छोटी कक्षाओं से सिखाया जाता है, कहानियों के जरिए। एकता में अटूट शक्ति है- इसे एक किसान और उसके बेटों की कहानी के माध्यम से अच्छी तरह समझाया गया। किसान के बेटों को व्यक्तिगत रूप से लकड़ियों के बंडल को तोड़ने को कहा तो वे नहीं तोड़ पाए। जब उन्हें यही कार्य संयुक्त रूप से करने के लिए कहा तो वह आसानी से कर पाए। इससे स्पष्ट होता है कि जब लोग एक साथ खड़े होते हैं तो वे आसानी से एक मुश्किल काम भी कर सकते हैं।
हम एक साथ खड़े हो तो हम हमेशा मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से मजबूत होंगे। जब टीम वर्क और आपसी सहयोग होता है। अद्भुत प्रगति प्राप्त की जा सकती है। एक व्यक्ति एक मुश्किल काम को पूरा नहीं कर सकता है या उसे ऐसा करने में बहुत समय और ऊर्जा लग जाती है लेकिन अगर यह काम अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है तो यह आसानी से पूरा किया जा सकता है। एकता पशु-पक्षियों में, जानवरों में भी होती है।
देखभाल कई तरह से होती है- परिवार में बड़े बुजुर्गों, छोटे बच्चों की, पालतु जानवरों की, सामान की, स्वयं की, बाग-बगीचों की, पेड़-पौधों की, वाहनों की, घर की, देश की, विद्यालय में अपने मित्रों की, गरीब बच्चों की, माता-पिता व शिक्षकों को बच्चों की देखरेख करनी चाहिए। माता-पिता और शिक्षक एक कुम्हार की तरह होते हैं। कुम्हार जैसा चाहे उसी प्रकार से बर्तन को ढाल देता है अतः माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही वृद्धों का सम्मान करना, दूसरों की मदद करना, वस्तुओं का आदान-प्रदान करना, मिल-जुल कर रहना आदि प्रेरित करना चाहिए। माता-पिता, शिक्षक, समाज बालक को सही दिशा देकर व्यक्तित्व विकास कर सकते हैं।
बच्चों को शिक्षा देने के लिए सबसे पहले तो उन्हें प्यार देना चाहिए। शिक्षक जब बच्चों को प्यार करता है तो अपना प्यार मन बच्चों पर अर्पित करता है तभी वह उनमें खुशी, मित्रता व मानवता की भावना भर सकता है। शिक्षक को बच्चों के मन तक पहुँचना है क्योंकि मन तक पहुँचकर ही उनमें अपेक्षानुसार बदलाव लाया जा सकता है। शिक्षक ऐसा वातावरण बनाए कि विद्यालय घर जैसे बन जाए।
बच्चों की देखभाल करने के लिए कुछ घरों में केयरटेकर रखते हैं लेकिन केयरटेकर बच्चों को वे गुण नहीं सिखा सकती जो कि घर में रहने वाले दादा-दादी सिखा सकते हैं। अतः घर के लोग एकता व मजबूती और छोटे बच्चों का सर्वांगीण विकास करने में अहम योगदान निभाते हैं इसी प्रकार पेड़-पौधों की देखभाल (जिम्मेदारी) पूरी तरह से करें तो वातावरण शुद्ध रहेगा।
Usha Panwar
The Fabindia
School,Bali
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