Wednesday, June 10, 2020

आशा और मित्रता - उषा पंवार


आशा ही जीवन है। आशावान होना सदैव अच्छा है क्योंकि आशा हमको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। संसार में इंसान ही है जो आशा पर कई बड़े-बड़े काम कर देता है। यह उम्मीद ही है, जो व्यक्ति अच्छे दिनों की आशा करके अपने कठिन एवं बुरे दिनों को आसानी से गुजार देता है। हमारा हर दिन आशा से भरा होता है, ऐसा शायद कोई भी दिन नहीं होता, जब हम कुछ भी उम्मीद नहीं करते। जब व्यक्ति कोई आशा करता है तब वह ना चाहते हुए भी सकारात्मक सोचने लगता है।

एक अच्छा दोस्त वही होता है जो एक दूसरे की बातों को समझे। जिसके साथ हँसना, खेलना, पढ़ना, उठना- बैठना, अपनी बातें बाँटना, झगड़ा करना अच्छा लगता है तो निश्चय ही वह दोस्त बनने के लायक होता है। दोस्ती का रिश्ता दिल का रिश्ता होता है। सच्चा दोस्त वही होता है जो तब हमारा साथ देता है, जब सब साथ छोड़ देते हैं। मित्रता वही है, जो एक दूसरे को समझे और विश्वास करें। जिसके साथ दुख आधा और खुशी दुगुनी हो जाती है। मित्र उचित सलाह देता हैं, जो मुसीबत में काम आए वही सच्चा मित्र होता है। मुसीबत के समय मित्रता के असली परख होती है।

"कहीं रहीम संपति सगे बनत बहुत बह रीत,
विपत्ति- कसौटी जे कसे, सोई सांचे मीत।"
रहीम दास जी द्वारा रचित दोहे के माध्यम से कहा जाए तो, जब व्यक्ति के पास संपत्ति (धन दौलत) होता है, तब उसके अनेक सगे संबंधी तथा मित्र बनते हैं, उसके समीप आते हैं, लेकिन विपत्ति के समय मैं जो साथ दे वही सच्चा मित्र है।
Usha Panwar
The Fabindia School, Bali

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