कर्तव्य हमारे जीवन के वह कार्य हैं जिन्हें हमारे मन से दूसरे के लिए करना है | परिवार और बच्चों की देखभाल
उसके परिवार का जो बंधन है उसमें भी कर्तव्य का समावेश है हमें अपने कर्तव्यों को हमेशा याद रखना चाहिए अपने बच्चों की सुख सुविधा का ध्यान रखना चाहिए यह माता पिता का कर्तव्य होता है कर्तव्य का एक मात्र यही आदेश है कि हम दूसरों से जो लेना चाहते हैं उसे अपने पास से देने की गुंजाइश प्रत्येक मनुष्य में होनी चाहिए कर्तव्य बुद्धि से प्रेरित होकर कार्य करना चाहिए यह निश्चित है कि यदि हम दूसरों के साथ अच्छा करेंगे तो प्रतिफल स्वरूप हमें अपने आप ही अच्छा मिल जाएगा |
एक व्यक्ति अपने हित के लिए अपनी इच्छा के अनुसार कई कार्य करता है और कई नहीं करता है अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करना या न करना कड़वा नहीं कहा जा सकता है | नैतिक कर्तव्य अपने जीवन के कई पहलू हैं हर मनुष्य अपने कर्तव्यों को पूरा करने का भरसक प्रयास करता है | हमारे माता,पिता ,परिवार, मित्र ,शिक्षक, देश एवं समाज सभी के लिए होता है |
सभी के लिए हमारी नैतिकता जो कुछ करने के लिए कहती हैं | वही हमारा कर्तव्य है बिना अपेक्षा के जो हमें करना चाहिए वही कर्तव्य की श्रेणी में आता है कर्तव्य अलग-अलग मनुष्य के लिए अलग-अलग पायदान पर अलग-अलग होता है|
जफ्फर खा
द फैब इण्डिया स्कूल
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