हमको जीवन में सच्ची खुशी तब मिलेगी जब हमको यह पता चलेगा कि खुशी का उद्देश्य केवल हम को खुश करना है। सच्ची खुशी हमारे भीतर होती है यह दूसरों से नहीं आती है। हमें यह समझने की जरूरत है कि खुशी मूलतः मन की अवस्था है। यह उन चीजों से हासिल नहीं की जा सकती जिसे हम बाहर देखते । हमारे पास सकारात्मक भावनाओं की सहायता से इन अवस्थाओं को बनाने की शक्ति है, जो अच्छे विचारों से प्राप्त की जा सकती है। विभिन्न स्थितियों में अति उत्साहित या उदास होने के बजाय हमको इन सक्रिय भावनाओं जैसे शांति और संतोष को निष्क्रिय करने में परिवर्तन करना चाहिए।
सहनशीलता एक ऐसा सत्य हैं जिससे प्राय सभी लोगों को अपने जीवन काल मैं रूबरू होना पड़ता है। सहनशील होना एक गुण है, जिससे जीवन का वास्तविक विकास होता है। आज हमारे जीवन में दुख और तनाव हावी हैं। इसका परिणाम यह है कि थोड़े से कष्टों से शीघ्र हम घबरा जाते हैं और क्रोधित हो जाते हैं। हम सहनशील बने ताकि हमारे कर्म और व्यवहार से किसी को कोई कष्ट ना हो सहनशीलता का गुण अभ्यास से सिखाया जाता है।
प्रत्येक कार्य करने की योजना एक सुनिश्चित ढंग से बनाने और उस पर अमल करने से ही सही दिशा में बदलाव संभव है। सहनशीलता का गुण आ जाने से दोस्तों और पड़ोसियों के बीच आदर होता है। जल्द ही तनाव या क्रोध नहीं आ पाता इसलिए सहनशील रहकर निजी लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
Jaffar Khan
The Fabindia School
No comments:
Post a Comment