ऊँची सोच आत्मविश्वास
को जागृत करती
है। ऊँचे कद
से नहीं ऊँची
सोच से सफलता मिलती
है। व्यक्ति के
विचार कमजोर नहीं
होने चाहिए । शरीर
से चाहे कमजोर
दुबले पतले रहे
लेकिन मन से
कमजोर नहीं होना
चाहिए। हम सभी
को सफलता के
लिए मेहनत से
घबराना नहीं चाहिए
,कहते हैं---"-जैसी
दृष्टि वैसी सोच
,,
इस सोच को
मै छोटी सी
कहानी के जरिए
बताना चाहती हूँ
--
"एक बार एक
गरीब फटे हाल
बच्चा बड़ी उत्सुकता
से महंगी कार
को निहार रहा
था, गरीब बच्चे
पर तरस खाकर
कार वाले आदमी
ने उसे अपनी
कार में बैठा
कर घुमाने ले
गया।
लड़के ने कहा-साहेब आपकी कार
बहुत अच्छी है
बहुत महंगी होगी
ना...
अमीर आदमी ने
गर्व से कहा
-हाँ, यह लाखों
रुपए की है।
गरीब लड़का बोला-
इसे खरीदने के
लिए तो आपने
बहुत मेहनत की
होगी? अमीर आदमी
हँसकर बोला-यह
कार मुझे मेरे
भाई ने उपहार
में दी है
।
गरीब लड़के ने सोचते
हुए कहा -वाह
आपके भाई कितने
अच्छे हैं ?
अमीर आदमी ने
कहा मुझे पता
है कि तुम
सोच रहे होंगे
कि काश तुम्हारा
भी कोई ऐसा
भाई होता जो
इतनी कीमती कार
तुम्हें उपहार में देता।
गरीब लड़के की आँखों
में अनोखी चमक
थी , उसने कहा-
नहीं साहेब.. "मै
तो आपके भाई
की तरह बनना
चाहता हूँ।"
अतः अपनी सोच
हमेशा ऊँची रखो
दूसरों की अपेक्षाओं
से कहीं अधिक
ऊँची, तो तुम्हें
बडा बनने से
कोई रोक नहीं
सकता।
Usha Panwar
The Fabindia School
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