कोई भी ऐसा बच्चा जो 14 वर्ष से कम उम्र का ह़ो और जीविका के लिए काम करें, बाल मजदूर कहलाता है । गरीबी,लाचारी और माता- पिता की प्रताड़ना के चलते ये बच्चे बाल मजदूरी के दलदल में धँसते चले जाते हैं।
भारत में बालश्रम के प्रमुख कारणों में निर्धनता, अशिक्षा, बेरोजगारी, कम आय की प्राप्ति आदि हैं। जहाँ 40% से अधिक लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे बालश्रम करके अपना और अपने माता-पिता का पेट भरते हैं। उनकी कमाई के बिना उनके परिवार का जीवन स्तर और गिर सकता हैं।
बाल मजदूरी बच्चों को उनके बचपन से वंचित रखता हैं और बचपन से उन्हें काम करना पड़ता हैं। वह स्कूल भी नहीं जा पाते हैं। वो स्कूल जाना चाहते हैं और दूसरे अमीर बच्चों तरह अपने माता- पिता का प्यार और परवरिश पाना चाहते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपनी हर इच्छाओं का गला घोंटना पड़ता है। एक तरह से बाल श्रमिक का जीवन जीते-जी नरक बन जाता है।
बाल मजदूरी के खात्मे के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा। बच्चों के उत्थान और उनके अधिकारों के लिए अनेक योजनाओं को प्रारंभ किया जाना चाहिए। जिससे बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव दिखे। शिक्षा का अधिकार भी सभी बच्चों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
Ayasha Tak
The Fabindia School, Bali
atk4fab@gmail.com
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