व्यक्ति के जीवन में नैतिक मूल्यों
का बड़ा महत्त्व होता है। इसका आंरभ मनुष्य के
बाल्यकाल से ही हो जाता है। जिस प्रकार एक
सफ़ल व्यवसाय की प्राप्ति के
लिए की जाने वाली मेहनत व कोशिशें विद्यार्थी
जीवन से ही शुरू हो जाती हैं ठीक उसी प्रकार अच्छे
गुणों को धारण करने के प्रयत्न की शुरुआत भी विद्यार्थी जीवन
से ही करनी ज़रूरी है
क्योंकि
आदतें चाहे अच्छी हों या बुरी, एक या दो दिन में प्राप्त नहीं की जा सकती बल्कि ये तो सालों के प्रयास से आती हैंl सब पर दया करना, कभी झूठ नहीं बोलना, बड़ों
का आदर करना, सच बोलना, सबको अपने समान समझते हुए उनसे प्रेम करना, सबकी
मदद करना, किसी की बुराई न करना आदि कार्य नैतिक शिक्षा
या नैतिक मूल्य कहलाते हैं।
बच्चों में नैतिक मूल्यों का निर्माण करने की जिम्मेदारी माता-पिता, परिवार,
विद्यालय
एवं समाज की है। आज के बच्चे ही
कल के भविष्य हैं, अतः शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों
को भी जीवन में स्थान देने की जरूरत है ।नैतिक मूल्यों
को शिक्षा में इस तरह शामिल करना चाहिए जिससे विभिन्न पाठ्यक्रमों में,
कार्यशालाओं व गतिविधियों में, इन नैतिक मूल्यों का
संदेश सहज, सरल व रोचक तौर-तरीकों से
विद्यार्थियों तक
पहुँच
सके । इसके लिए अच्छे साहित्य, चलचित्र, श्रव्य
-दृश्य सामग्री आदि का सहारा लिया जा सकता है।
यदि जीवन में शिष्टाचार, सदाचार, अनुशासन,
मर्यादा है तो परिवार और
देश में शांति रहेगी। यदि
किसी व्यक्ति ने कभी भी नैतिक मूल्यों को
नहीं सीखा है, तो वह सही और गलत के बीच अंतर नहीं कर सकता है? यदि सभी माता-पिता अपने बच्चों को घर में नैतिक मूल्यों
की शिक्षा दे, तो विद्यालयों के लिए यह काम करना जरूरी नहीं
होगा। दुख की बात यह है कि बहुत से बच्चे अपने
माता-पिता से सही और गलत के बीच का अंतर नहीं सीख पाते हैं। ऐसा इसलिए है
क्योंकि अपने काम में
व्यस्त होने के कारण ज्यादातर माता और पिता अपने बच्चों के
साथ केवल कुछ ही घंटे बिताते हैं। कई परिवारों में, बच्चों का पालन करने के लिए केवल एक माता-पिता और कोई अन्य प्रेरणास्रोत नहीं है।
नैतिक मूल्यों व अच्छी आदतों के चलते आप अपने आस-पास के लोगों के बीच प्रिय बन सकतें हैं जिससे दूसरों के
साथ आपके अच्छे सम्बन्ध बनते हैं जो कि जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की पाने के लिए बहुत ज़रूरी हैंl
सुखद व सफ़ल जीवन व्यतीत करने
के लिए दूसरों से अच्छे संबंध कायम करना बेहद ज़रूरी है,
जिसके लिए हमारे भीतर नैतिक मूल्य कूट-कूट कर भरे होने चाहिएl अच्छी आदतें
व अच्छा आचरण सफ़ल व्यक्ति की पहली पहचान होती हैंl
सुरेश सिंह नेगी
The Fabindia School
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