किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने और उसे बेहतर करने की जिज्ञासा महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हम सवाल पूछते हैं, दूसरों से सीखते हैं, और अपने कार्य को बेहतर तरीके से करने के उपाय खोजते हैं। जिज्ञासु लोगों का दिमाग सक्रिय होता हैं। जिज्ञासा हर उम्र में सीखने की प्रक्रिया को दर्शाती है। जिज्ञासु लोग ज्यादा खुश रहते हैं ।
जिज्ञासा हमारे अंदर सहानुभूति का विस्तार कर सकती है। जब हम दूसरों के बारे में जानने के लिए उत्सुक होते हैं और अपने सामान्य सामाजिक दायरे के बाहर के लोगों से बात करते हैं, तो हम अपने जीवन से अलग जीवन के अनुभव और दुनिया के साथ को समझने में सक्षम हो जाते हैं।
खेल के माध्यम से बच्चे सामाजिक और संज्ञानात्मक कौशल विकसित कर सकते हैं, भावनात्मक रूप से परिपक़्व हो सकते हैं, और नए अनुभवों एवं वातावरण में संलग्न होने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं। छोटे बच्चों में जिज्ञासा का पोषण बहुत आवश्यक होता है। उन बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए सर्वप्रथम उन्हें चित्र का ज्ञान करवाया जाए, उनसे प्रश्न पूछे जाए। जिससे बच्चे खुल कर हमारे सामने जवाब दे पाएँ । वे कुछ भी जवाब देने में संकोच न करें।
इसलिए बच्चों के अनुरूप वातावरण तैयार किया जाए। अगर वे कुछ गलत जवाब भी दें, तो उन्हें एकदम से नकारना नहीं चाहिए। बल्कि उन्हें दोबारा समझाकर उनकी जिज्ञासा को बढ़ाने का प्रयत्न करें, शायद दूसरी बार में वे सही जवाब देने में सक्षम हो जाएँ। हमेशा प्रोत्साहन देने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।
जिज्ञासा हमारे अंदर सहानुभूति का विस्तार कर सकती है। जब हम दूसरों के बारे में जानने के लिए उत्सुक होते हैं और अपने सामान्य सामाजिक दायरे के बाहर के लोगों से बात करते हैं, तो हम अपने जीवन से अलग जीवन के अनुभव और दुनिया के साथ को समझने में सक्षम हो जाते हैं।
खेल के माध्यम से बच्चे सामाजिक और संज्ञानात्मक कौशल विकसित कर सकते हैं, भावनात्मक रूप से परिपक़्व हो सकते हैं, और नए अनुभवों एवं वातावरण में संलग्न होने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं। छोटे बच्चों में जिज्ञासा का पोषण बहुत आवश्यक होता है। उन बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए सर्वप्रथम उन्हें चित्र का ज्ञान करवाया जाए, उनसे प्रश्न पूछे जाए। जिससे बच्चे खुल कर हमारे सामने जवाब दे पाएँ । वे कुछ भी जवाब देने में संकोच न करें।
इसलिए बच्चों के अनुरूप वातावरण तैयार किया जाए। अगर वे कुछ गलत जवाब भी दें, तो उन्हें एकदम से नकारना नहीं चाहिए। बल्कि उन्हें दोबारा समझाकर उनकी जिज्ञासा को बढ़ाने का प्रयत्न करें, शायद दूसरी बार में वे सही जवाब देने में सक्षम हो जाएँ। हमेशा प्रोत्साहन देने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।
Ayasha Tak
atk4fab@gmail.com
The
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