नैतिक
रूप से जिम्मेदारी का
वहन करना कर्तव्य है।
यह जिम्मेदारी कई
तरह की हो
सकती हैं। माता-पिता
की अपने संतान
के प्रति, संतान
की माता-पिता
के प्रति, रोज़गार
वाले की अपने
कार्य के प्रति
और अध्यापक की
अपने छात्रों के
प्रति इत्यादि। हर व्यक्ति के
पास अधिकार है
तो कुछ कर्तव्य भी
हैं।
कर्तव्यों को
ठीक प्रकार से
निभाना अत्यावश्यक है।
परन्तु बाहरी दबाव
के कारण हम
ऐसा कर रहे
हैं, तो उचित
नहीं। नैतिक जिम्मेदारी को
खुद अपने स्तर
पर पूरा करें।
यदि समझ न
आए तो किसी
से मार्गदर्शन लिया
जा सकता है।
यह
काम माता-पिता
और अध्यापक का
है कि वे बालक
को एक जिम्मेदार नागरिक
बनाएँ। हमेशा ही कहा
जाता है कि
बालक देख कर
सीखता है। यदि ऐसा
है तो वह
सर्वप्रथम माता-पिता और
इसके उपरांत अपने
शिक्षक को देखता
है। इसलिए यह इनका
परम दायित्व बन
जाता है कि
कर्तव्यनिष्ठा
की एक मिसाल
अपने बालकों के
समक्ष प्रस्तुत करें।
स्वयं उत्तरदायित्व को
ठीक से निभाएँ,
बालक देखकर वैसा
ही अनुसरण करेगा।
अपनी
सामग्री के साथ सहपाठियों की
सामग्री, विद्यालय की सामग्री आदि
का सम्मान करें।
जैसा आप करेंगे
वैसा ही फल
भी मिलेगा अर्थात
आपके सहपाठी भी
आपकी सामग्री का
सम्मान करेंगे या
सुरक्षित रखेंगे।
Krishan Gopal
kde4fab@gmail.com
The Fabindia School, Bali
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