Friday, January 31, 2020

लिखना भाषा का अभिन्न अंग: कुसुम डांगी


लिखना  भाषा  का अभिन्न अंग है, जिसके जरिए हम अपने विचार, ज्ञान आदि को दूसरों तक पहुँचा सकते है जिस तरह पढ़ना, सुनना बोलना महत्वपूर्ण है उसी प्रकार लिखना भी महत्वपूर्ण है।

लक्ष्य पूरा करने में लिखने का बहुत योगदान है हम  जो पाना चाहते है या बनना चाहते है उसको यदि सोचने के बजाय लिख दे और जितना ज्यादा लिखेंगे उसको सफलतापूर्वक पूरा करने की संभावना बनेगी।          
                                        
हमेशा सब कुछ याद रखना संभव नहीं है  इसके लिए यदि नियमित रूप से डायरी लिखी जाए तो जरूरत पड़ने पर लिखी हुई चीजों को फिर से दोहराया जाए तो अपने मस्तिष्क में सब कुछ स्पष्ट हो जाता है। भावनात्मक बातों को लिखने से तनाव, चिंता को कम किया जा सकता है।

अच्छा लिखने के लिए जरूरी है सही सुनना अगर सही सुनेंगे तो सही लिखेंगे मन मस्तिष्क को एकाग्र करने में लिखना बहुत सहायक है

कई बार ऐसा होता है कि दिमाग में अनेक विचार आते है, जिससे निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है लिखने से सही समय पर आसानी से निर्णय लिया जा सकता है
Kusum Dangi
kdi4fab@gmail.com

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