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पठन
किसी भी भाषा
में कर सकते
है जिसमें हम
सहज है। यह आदत
हमारे से ही
होनी चाहिए। इसकी शुरुआत
के लिए अभिभावकों को
चाहिए कि बच्चों
को अपनी मातृभाषा में
कुछ छोटी कहानियाँ पढ़ाएँ।
जो बच्चे को
रुचिकर लगे। बचपन में
पढ़ी ये कहानियाँ बच्चे
को जीवन भर
याद रहेगी और
साथ ही साथ
बच्चे में पठन
की रूचि विकसित
हो जाएगी। पठन बालक
का शौक बन
जाएगा। पढ़ना हर
व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
पुस्तक पढ़ने से
एकाग्रता बढ़ती है तथा
याददाश्त क्षमता में सुधार
लाती है। प्रेरणादायक पुस्तकें सोचने
के तरीके बदल
देती है और
उन्हें अच्छे जीवन
की आशा देती
है।
पढ़ना
स्वस्थ मस्तिष्क के
लिए परमावश्यक है।
नवीनतम जानकारी के
अतिरिक्त हम भाषिक सौंदर्य से
भी सराबोर हो
जाएँगे। अलग-अलग लेखकों
के लेख पढ़ने
से उनके विचारों से
साक्षात्कार होगा। एक ही विषय
पर अनेक विचार
मिल सकते है।
पुस्तक को कहीं
भी ले जाना
भी बड़ा आसान
है। कहीं भी
पुस्तक पढ़कर समय
का सदुपयोग कर
सकते है।
Krishan
Gopal
The Fabindia School, kde4fab@gmail.com
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