पुस्तक पढ़ना सभी व्यक्तियों के लिए बहुत ही अच्छी आदत होती है क्योंकि पुस्तक से अच्छा मित्र मानव
के लिए कोई नहीं हैं। पुस्तकें पढ़ने से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है तथा कई अच्छी आदतें सीखने को मिलती हैं जो कि मानव के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए अनिवार्य
है ।
मानव एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहते हुए उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । पुस्तकें हमें उन चुनौतियों का आसानी से सामना करने के लिए तैयार करती हैं तथा उन चुनौतियों के लिए कई उपचार हमें उपलब्ध कराती
हैं ।
आधुनिक युग में बढ़ती प्रतिस्पर्धाओं के चलते आज के युवा मानसिक रूप
से ग्रसित होकर अवसाद ग्रसित हो जाते हैं ऐसे समय में पुस्तकें उनको एक सम्बल प्रदान करके सामान्य जीवन जीने को
प्रेरित करती हैं ।
बचपन से अगर बच्चों को पुस्तकें पढ़ने की आदत डाली जाए तो उनका ध्यान व्यर्थ बातों से हटकर ज्ञान की ओर अग्रसित होता है ।
पुस्तकें मानव का एक ऐसा मित्र है जो बिना किसी स्वार्थ भावना के मदद करने को तत्पर
रहती है ।
Usman Gani
The Fabindia School, ugi4fab@gmail.com
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