किसी महापुरुष ने कहा है तुम
किताबें भले ही मत पढ़ो पर घर में किताबें जरूर रखो किताबों की खुशबू से ही घर का वातावरण
बदल जाता है। इसका अर्थ है
कि जब हम किताबें न पढ़ कर उन्हें देखने से सकारात्मक सोच आती हैं। इस कारण जब हम प्रतिदिन उन किताबों के साथ अपना
मेल -जोल बढ़।ते
है।
हमें उनकी आदत होने लग जाती है
और यही कारण है शिक्षक एवं माता-पिता अपने बच्चों
से टेलीविजन बंद करके
एक अच्छी किताब
पढ़ने की सलाह
देते हैं। वाचन के
अनेक फायदे हैं। अच्छी
पुस्तक पढ़ने से हमारा
आत्मविश्वास बढ़ता है। वाचन से
हमारे मस्तिष्क का व्यायाम
होता है। हमारी भूलने की
बीमारी खत्म हो
जाती है। स्मरण शक्ति बढ़ती
है। नए विचार आते हैं,
मन शांत होता
है। आचरण में बदलाव
आता है । बच्चों
में वाचन जोर
- जोर से करवाने से उनकी
भाषा
में विराम चिन्ह,
स्वर के उतार-चढ़ाव का लय
जो उच्चारण पर ध्यान
देने व कविता
वाचन को
लय, स्वर आदि
से गाने के ज्ञान
में वृद्धि होगी
। बच्चे
की बातचीत करने
की क्षमता बढ़ेगी
। नए शब्दों को समझने की
क्षमता विकसित होगी।
शुरुआत में
यह कठिन लगेगा
पढ़ने से एकाग्रता
विकसित होती है। भाषा
में सुधार आता
है।पुस्तक पढ़ने से
न केवल बच्चों में
मानसिक विकास होता बल्कि
शारीरिक सकारात्मक ऊर्जा भी
प्रभावित होती है,
जो बच्चों में व्यक्तित्व
को और निखारती
है। हमें हमेशा
एक पुस्तक अपने
साथ रखनी चाहिए
अपने खाली समय
में उसे पढ़ते
रहना चाहिए। जिससे
हमारा मस्तिष्क केंद्रित(
स्थाई) रहेगा
और सही रहने
के कारण ज्यादा
अच्छी तरह
से कार्य कर
पाएगा।
Rajeshwari Rathod, The
Fabindia School, Bali
rre4fab@gmail.com
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