Sunday, July 29, 2018

चुनौती : एक सर्वोत्तम सीख - उर्मिला राठौड़

चुनौती शब्द से ही हमारे मस्तिष्क में एक विचार आता है जिसमें  रोमांच एवं परेशानियों से झकझोर देने वाली स्थिति का आभास होता है। जबकि देखा जाए तो ये चुनौतियाँ हमें अच्छे से उत्कृष्ट बनाने वाली विधियाँ  हैं। हम अपनी दिनचर्या में देखें तो प्रति क्षण हम विभिन्न समस्याओं एवं चुनौतियों से दो चार होते है। वस्तुतः हम इन सबसे भागने की कोशिश करते हुए भी हल कर बैठते है तो क्यों न हम इनका आगे होकर खुशनुमा माहौल बनाकर समाधान करें । हम अपनी चुनौतियों का हल ढूँढने के लिए अपने सहयोगियों से सहयोग लेते है । साथ ही रचनात्मकता तथा धैर्य रखें और बार-बार प्रयास करें।

शैक्षिक परिदृश्य में देखें तो एक शिक्षक प्रतिदिन छात्र सम्बन्धित समस्या जैसे उनकी जिज्ञासा का निवारण करना, विषय वस्तु को तर्कसंगत ढंग से समझाना, वातावरण के प्रति जागरूक करना , समसामयिक जानकारी से अवगत कराना, परीक्षा में उत्तम परिणाम  और उनमें नैतिकता को बनाये रखने संबंधित विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये सब तभी संभव होता है जब एक अध्यापक नवीन विधियों एवं तकनीकियों द्वारा उनको समझाए।

छात्रों के मस्तिष्क उद्वेलन के लिए उनके समक्ष  परिस्थितियों को उत्पन्न करना बहुत आवश्यक है। जैसे-नवीन समस्याओं का हल खोजना , पाठ की व्याख्या करना,वर्तनी अभ्यास, वाक्य शुद्धिकरण, सहपाठियों या समूहों में बैठकर  प्रश्नोत्तरी तैयार करना, किसी स्थान और व्यक्ति  विशेष के बारें में जानकारी इक्कठा करना, समसामयिक  घटनाओं  पर अपने विचार व्यक्त करना आदि अनेक अभ्यास करने को दिया जाए जिससे उनका प्रायोगिक ज्ञान और अनुभाविक ज्ञान बढ़ सके।

इन सभी प्रयासों से छात्र धैर्यवान, विचारशील, जिज्ञासु एवं खोजी प्रवृति के बन सकेंगे और यही वर्तमान शिक्षा एवं समय की मांग है। चुनौतियों का हल करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है कि हम अतीत की गलतियों को सुधार कर वर्तमान पर ज्यादा ध्यान दे । जब हम अतीत और वर्तमान को जोड़ना सीख जाएंगे तब हम अपने ज्ञान को विस्तृत कर कर सकेंगे। हम कभी भी अपनी समस्याओं को लेकर नहीं बैठे वरना वो समस्याएँ हमें दबाव में डालती रहेगी और वर्तमान कार्य पर अपना प्रभाव डालता रहेगी |निरंतर अभ्यास से एवं अपनी अभियोग्यताओं एवं कौशलों में सुधार करके हम निरंतर प्रगति कर सकेंगे। कठिनाइयों व विपत्तियों से न घबरा के उनका सकारात्मक तरीके से सामना करना चाहिए।
उर्मिला राठौड़
द फैबइंडिया स्कूल ,बाली

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