मनुष्य विवेकशील प्राणी होने के कारण सृष्टि के अन्य प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है। केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है , जिसमें चिंतनशीलता, क्षमता तथा आत्मविश्वास जैसे गुण हैं। वह अपने परिश्रम, कर्मशीलता तथा इच्छाशक्ति के बल पर असंभव को भी संभव करने की क्षमता रखता है|

सीखने के नियमो के आधार पर व्यक्ति असफलताओं से ही सीखता है। हमें इस विषय पर विचार करना चाहिए कि असफलताएँ एक चुनौती है उसे हमें स्वीकार करना चाहिए तथा उन असफलताओं के कारण को समझ कर उनमें सुधार करना चाहिए। ऐसा करने से वह कभी निराश नहीं होगा । हमारा मार्ग असफलता से सफलता की ओर होना चाहिए न की चिंता या निराशा होना चाहिए। किसी भी प्रकार की असफलता पर चिंता नहीं बल्की चिंतन करना चाहिए । जिससे सदैव सफलता के मार्ग पर चला जा सकता है।
Educator - Aysha Tak, The Fabindia School, Bali
No comments:
Post a Comment