अपने शिक्षण के लिए पहले हमें यह देखना पड़ेगा के जिस तरह के बच्चों को हम शिक्षा देना चाहते है वह
विभिन्न प्रकार के परिस्थितियों से आते व गुजरते हैं। उनके लिए हम जिस तरह से पढ़ा रहे है शायद वो ना
समज पाये। इस बिच हमें अपने शिक्षण मैं बदलाव लाने की आवश्यकता पड़ती हैं। इसका अर्थ यह नहीं की
हमें पड़ना नहीं आता पर जिन विभिन्न प्रकार के छात्रों के साथ हम हैं उनको समझाने के लिए हमें अपन
शिक्षण के तरीके बदल ने पड़ेंगे या पड सकता हैं। हमें ऐसे बच्चो के साथ बहुत सहजतापूर्वक उन्हें पड़ाना व
समझाना चाहिए। हमें एक बच्चे का ध्यान मैं रखते हुए पूरी कक्षा को उसी तरह से खीचना शायद सही न हो।
हमें अपने काम मैं शामिल होने वाली हर चीज़ को सुधारने की इच्छा रखनी चाहिए। न के उसे गलत रूप में
लेकर अपने आप को कौसना चाहिए। हमें अपने शिक्षण मैं रचनात्मक कौशल का प्रयोग करना चाहिए।
हमारी सीख-
आइसक्रीम मेकर से लेखक - सुबीर चौधरी ।
समूह सदस्य - ईशु चौहान, कुसूम शर्मा, उर्मिला राठौर व राजेश्वरी राठौर।
The Fabindia School
विभिन्न प्रकार के परिस्थितियों से आते व गुजरते हैं। उनके लिए हम जिस तरह से पढ़ा रहे है शायद वो ना
समज पाये। इस बिच हमें अपने शिक्षण मैं बदलाव लाने की आवश्यकता पड़ती हैं। इसका अर्थ यह नहीं की
हमें पड़ना नहीं आता पर जिन विभिन्न प्रकार के छात्रों के साथ हम हैं उनको समझाने के लिए हमें अपन
शिक्षण के तरीके बदल ने पड़ेंगे या पड सकता हैं। हमें ऐसे बच्चो के साथ बहुत सहजतापूर्वक उन्हें पड़ाना व
समझाना चाहिए। हमें एक बच्चे का ध्यान मैं रखते हुए पूरी कक्षा को उसी तरह से खीचना शायद सही न हो।
हमें अपने काम मैं शामिल होने वाली हर चीज़ को सुधारने की इच्छा रखनी चाहिए। न के उसे गलत रूप में
लेकर अपने आप को कौसना चाहिए। हमें अपने शिक्षण मैं रचनात्मक कौशल का प्रयोग करना चाहिए।
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आइसक्रीम मेकर से लेखक - सुबीर चौधरी ।
समूह सदस्य - ईशु चौहान, कुसूम शर्मा, उर्मिला राठौर व राजेश्वरी राठौर।
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