इसके लिए कुछ बातों को केंद्र में रख कर सोचना होगा। प्रथम अपने काम करने के तरीके को बदलने की प्रबल इच्छा रखना। जब भी कोई ऐसी चीज़ देखते हैं, जो हमारे काम करने के तरीके को बेहतर बना सकती है, तो उसे अपना लेना चाहिए। द्वितीय कि भेड़चाल चाल से अलग सोचने की इच्छा ; अर्थात कुछ हटकर करना जो दूसरों से स्वयं को अलग करे। तृतीय यह कि अपने काम में शामिल हर चीज़ को सुधारने की इच्छा ; इसका मतलब है, छोटी-छोटी बातों पर अपनी पैनी नज़र रखना। इन सब के लिए रचनात्मक विचार रखना होगा, रचनात्मक तरीके से सोचना होगा, रचनात्मक तरीके से काम करना होगा। इसके लिए विचार मंथन करना होगा। बिना आलोचना किए अपने सहयोगियों से सुझाव लेने होंगे। उन विचारों का उपयोग कर अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा।
हमारी सीख - आइसक्रीम मेकर से
लेखक - सुबीर चौधरी
समूह सदस्य - विनीत सिंह, बायजु जोसफ, कविता देवडा & कृष्ण गोपाल - The Fabindia School
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