पूर्णता का अथ है समपुर्ण होना । हमे हर तरह से पूर्णता पाने की कोशिश करनी चाहिए । पूर्णता प्राप्त करने के लिए किसी भी कार्य को पूर्ण रूप से ग्रहण करे । हमे किसी भी कार्य को इस प्रकार पूर्ण करना चाहिए कि उसमे समर्पण का भाव हो । बिना समर्पण के किसी भी कार्य को पूर्णता से नही किया जा सकता है । आपको अपने अंदर ही नही बल्कि अपने सहयोगियो मे भी पूर्णता लाने का प्रयास करना चाहिए । पूर्णता लाने के अपने भीतर उपस्थित जानकारियो और तर्क शक्ति को बढाए । पूर्णता पाने के लिए नए- नए तरीको का प्रयोग करे । नई- नई तकनीको का प्रयोग करे जिससे की पूर्णता को पाया जा सके । हमेशा मन मे सकरात्मकता का ही भाव होना चाहिए । पूर्णता पाने के लिए सकरात्मकता से ही चिन्तन करे । अगर हार की सम्भावना नही तो जीत का कोई मोल नही। किसी भी कार्य को पूर्ण करने मे अगर हार का भय न हो तो जीत की खुशी भी न के बराबर है । इसलिए हार का भय होना भी अति आवशयक है और तभी जीत की असली खुशी मिल पाएगी । हमे हर पल पूर्णता पाने का प्रयास करते रहना चाहिए।
हमारी सीख "आइसक्रीम मेकर" से सुबीर चौधरी
- शर्मिला विजयरागी , भारती राव , ऊषा पँवार & कृर्तिका राव | The Fabindia School
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