क्षमा का महत्व
डॉ अनुपम सिबल द्वारा लिखित पुस्तक का अध्ययन किया, पढ़ते हुए ही आनंद हुआ । मानवीयता, अपनी ताकत, कभी देर नहीं होती, लक्ष्य, ईमानदारी तथा क्षमा इत्यादि विषयों का अध्ययन किया । सारे विषयों पर चर्चा बेहतरीन अंदाज़ से की गई है परन्तु "क्षमा" मुझे अधिक रुचिकर लगा । पुस्तक में नेल्सन मंडेला को लेकर जो बात कही गयी वह अच्छी लगी कि किस प्रकार जेल से राष्ट्रपति के पद तक पहुँचे और जेल में दी गयी यातनाओं को भूलकर प्रताड़ित करने वालों को क्षमा कर दिया । हमेशा से ही सुनते आ रहे है कि क्षमा में बहुत शक्ति होती है । सम्भवतः होती भी होगी ऐसे विचार मेरे मन में भी आने लगे ।
हिंदी कविताओं और कहानियो में क्षमा के बारे में गंभीरता से लेखन हुआ है । एक हिंदी अध्यापक होने के नाते अंग्रेजी पुस्तक पढ़ना एक चुनौती थी, परन्तु पढ़ने पर ज्ञात हुआ कि सरल शब्दावली का प्रयोग हुआ है अतः कुछ स्थानों को छोड़ पुस्तक पढ़ने में कठिनाई नहीं आई ।
मैं क्षमा की बात कर रहा था | अपनी उद्दंड कक्षाओं में अकसर किसी न किसी विषय पर उद्बोधन देना होता था । कई बार छात्र आपसी झगड़ों को लेकर आते, पूछने पर बताते - शुरू इसने किया था, मेरी कोई गलती नहीं । यह एक चुनौती थी कि किसे दोषी माना जाए और किसे निर्दोष करार दिया जाए । कहीं ऐसा न हो कि दोषी बच जाए और निर्दोष को सजा मिल जाए । ऐसे में छात्रों को परामर्श देना आवश्यक हो जाता है । मैंने भी दिया पर लगा कोई विशेष फायदा नहीं हुआ | आपसी मनमुटाव को दूर करने तथा क्षमा करने के लिए व्याख्यान देता रहा । हालाँकि कोई घटना सामने नहीं आयी, परन्तु उदाहरणों के साथ दिए गए व्याख्यानों का कितना असर छात्रों पर हुआ ये बता पाना कठिन प्रतीत हो रहा था ।
एक दिन मैदान में खेलते हुए एक बड़ा बच्चा गिर गया तो कुछ छोटे बालकों को आनंद आया और ठिठौली करने लगे । खिलाड़ी छात्र को क्रोध आया परन्तु वह अपने खेल में व्यस्त हो गया । कालांश की समाप्ति पर सभी अपनी-अपनी कक्षाओं में जाने लगे तब उनमें से एक नन्हा बालक गिर गया । खिलाडी छात्र ने उसे उठाया और एक कुशल परामर्शदाता की तरह उसे समझाने लगा । ये दृश्य देख कर लगा कि छात्रों में क्षमा की भावना विकसित हो रही है । ये अलग बात है कि सभी की पहुँच से अभी दूर है परन्तु अपेक्षा की जा सकती है । कोई भी बात क्यों न हो, बच्चे एक दूसरे से जल्दी सीखते है । शिकायत लेकर आने वाले छात्रों को अपनी गलती मानते हुए भी देखा । ये एक नयी शुरुआत ही तो है ।
जब कोई सक्षम व्यक्ति क्षमा करें तो प्रशंसनीय कार्य होगा । इसलिए क्षमा को महत्व दिया जाता है । कभी-कभी अपने नुकसान को अथवा मन की चोट को भी भूलकर क्षमा करना सचमुच बड़ा कार्य है ।
~ Krishan Gopal Dave is an Educator at The Fabindia School. His email address is kde4fab@gmail.com
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