Friday, May 27, 2016

Yaden - Memories (Hindi)

कहते हैं कि यादें, याद आती हैं किसी अपने के जाने के बाद,लेकिन मेरा मानना है कि यादें तब भी याद आती है, जब हम किसी अपने को छोड़ आते हैं जो हमसे कुछ समय के लिए मिला हो और उससे हमारा एक अनजाना सा रिश्ता बन गया होI
यादें दो प्रकार की  हो सकती  हैं एक जो हमें ख़ुशी प्रदान  करती है  और दूसरी जो दुःख,लेकिन यादें निर्भर करती है उनको बनाने वाले पर  कि वो कैसी यादें  बनाना चाहता हैI
यादों का महत्त्व शिक्षक  के जीवन में सबसे ज्यादा होता है क्योंकि समाज में शिक्षकों की अहम  भूमिका होती हैI माता- पिता के बाद शिक्षक  ही बच्चों के मार्गदर्शक होते हैंI माता-पिता  बच्चों को चलना सिखाते हैं तो शिक्षक उनको जीवन जीने की कला सिखातें हैंI  जिस ब्यक्ति के जीवन में शिक्षक के चरण नहीं पड़ते,वह सदैव भटकता रहता हैI
एक समय ऐंसा था जब यादों को संजो के रखने के साधन सीमित, थे लेकिन आज के दौर में ऐंसा नहीं हैI आज आप अपनी यादों को आसानी से सजों के रख सकते हैंI
जब दो जानने वाले आपस में बहुत समय के बाद मिलते हैं तो पहले वो एक -दूसरे को थोड़े समय के लिए देखते हुए पहचानने  की कोशिश करते हैं, और उसके बाद उनके बीच  जो वार्तालाप होती है उसकी ख़ुशी आप साफ-साफ उनके चेहरों पर देख सकते हैं लेकिन जब एक छात्र और शिक्षक आपस में मिलते हैं, तो छात्र एकदम से अपने शिक्षक को पहचान लेता है क्योंकि छात्र कभी भी अपने शिक्षक को भुला नहीं  पाता है चाहे उसके रिश्ते शिक्षक से अच्छे हो या फिर बुरे, और वैसे भी शिक्षक तो शिक्षक ही रहता है परिवर्तन तो छात्र में ही होता हैI
आज मै अपने शिक्षकों  को याद  करता हूँ तो मुझे सिर्फ दो ही शिक्षक याद आतें हैं जिनके बारे में मुझे पूरी जानकारी है क्योंकि मै उनसे साल मे एक बार जरूर मिलता हूँ पर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि मै अपने दूसरे शिक्षकों को  भूल गया हूँI

अतः मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप भी अपने शिक्षकों की यादों को संजो कर के रखे और समय-समय पर उनको  याद करते रहेंI
- Suresh Negi, teaches at The Fabindia School in Rajasthan, his email is sni4Fab@gmail.com

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